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आगामी भदोत्सव मेला 31अगस्त व 1 सितम्बर की व्यवस्था हेतु मीटिंग का आयोजन अध्यक्ष महोदय श्री राम जी मोसुन के निर्देशानुसार सुजानगढ़ में अग्रसेन भवन में 17 जुलाई रविवार को सुबह 11 बजे रखी गयी है जिसमे अपने समाज की सभी संस्थाओं के समस्त पदाधिकारी गण सदस्य गण व सावित्री जन कल्याण ट्रस्ट कोटड़ी धाम के सभी पदाधिकारी व कार्यकारिणी के सदस्य तथा वो समस्त भक्त जो मेले में किसी भी तरह व्यवस्था व सहयोग या अपने अच्छे सुझाव देना चाहे वो सभी सादर आमंत्रित है । मेले की सुचना व मीटिंग की सुचना ज्यादा से ज्यादा भक्तो तक पहुँचाने की कृपा करें और मेले हेतु कोटड़ी धाम में तन मन धन से सहयोग व माता के दर्शन करने हेतु कोटड़ी धाम आने के लिए प्रेरित करे । मीटिंग में पधारने के लिए समय और स्थान का ध्यान रखे । जय सावित्री माता की

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।।मैढ़ स्वर्णकारों के नाम अपील।।         आजकल व्हाट्सअप और फेसबुक पर काफी स्वर्णकार भाइयों द्वारा एक ट्रेंड चलाया जा रहा है "सर्व स्वर्णकार एक हो जाओ"।      मैं पूछना चाहता हूँ किसलिए ? और क्या करना चाहते है आप ?      अगर आप व्यापारिक स्तर पर एक होना चाहते है तो इसका ढिंढोरा सामाजिक ग्रुपों में क्यों ? और वैसे भी व्यापारिक स्तर पर जब एक होने का अवसर आया था, एक्साइज ड्यूटी के विरुद्ध आंदोलन में तो यह सर्व स्वर्णकार कहाँ चला गया था ? ज्वेलर्स के अलावा सिर्फ मैढ़ स्वर्णकार ही पिसा था उस दिशा हीन हड़ताल में। तब कहाँ चले गए थे यह सर्व स्वर्णकार को एक करने वाले।        रही बात सामाजिक स्तर कि तो यह भी एकदम स्पष्ट है कि मैढ़ स्वर्णकार समाज एक सुदृढ़ और सक्षम समाज है। इसे किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं है। यह समाज भारतीय सभ्यता के साथ साथ आगे बढ़ा है। संस्कार, सामाजिक ताना-बाना और आर्थिक रूप से मैढ़ स्वर्णकार समाज पूरी तरह से आत्म निर्भर है।      अतः बंधुओ इस सर्व स्वर्णकार की राग को छोड़िये और अपने मैढ़ स्वर्णकार समाज की उत्तरोत्तर विकास वृद्धि में अपना योगदान सुनिश्चित कीजिये।    

अजमीढ़ धाम

स्वर्णकार समाज के गौरवशाली आयोजन के तहत 25 जुलाई से 31 जुलाई तक अजमीढ़ धाम में महाराजा श्री अजमीढ़ देव जी की मूर्ति स्थापना समारोह मनाया गया ।      इतने बड़े आयोजन में व्यापक प्रचार प्रसार के बावजूद लोगोँ की नाम मात्र उपस्थिति मन में दर्द पैदा करती है।       क्या स्वर्णकार समाज अभी भी अजमीढ़ जी महाराजा के बारे में अनभिज्ञ है? क्या अपने समाज में अजमीढ़ जी के प्रति अभी लगाव नहीं है?      हमें इन बातों पर विचार करना ही होगा तथा व्यापक उपायात्मक कदम भी उठाने होंगे।